विकास की दिशा में प्रगति के साथ, भारत में नवाचारी और पर्यावरण मैत्री यातायात के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इन स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर आधारित वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने इसमें सब्सिडी प्रदान की है। लेकिन अब M.H.I.(Ministry of Heavy Industries) के एक प्रस्तावित निर्णय के अनुसार, इ-स्कूटरों पर इस सब्सिडी को कम करने की संभावना है। यह निर्णय इस सेक्टर के उद्यमियों को चिंता में डाल रहा है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप इ-स्कूटरों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
इस प्रस्तावित निर्णय के पीछे का कारण है कि सरकार इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए प्रदान की जा रही सब्सिडी की राशि को कम करना चाहती है। इसका उद्देश्य है लोगों को बाइक और स्कूटर के बजाय इलेक्ट्रिक स्कूटरों की ओर ध्यान देने के लिए प्रेरित करने के साथ ही इन उद्योग को स्वावलंबी बनाने का भी है।
हालांकि, इस निर्णय के परिणामस्वरूप इ-स्कूटरों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है जो इस सेक्टर के उद्यमियों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। वर्तमान में, सरकार इलेक्ट्रिक स्कूटर की खरीद पर 40% तक की सब्सिडी प्रदान करती है। यह प्रस्तावित कटौती इस सब्सिडी को 25% तक कम करेगी। इसका मतलब है कि एक इलेक्ट्रिक स्कूटर जो वर्तमान में 1 लाख रुपए का है, इस सब्सिडी कटौती के बाद 1.25 लाख रुपए का होगा।
सरकार यह भी प्रस्तावित कर रही है कि इलेक्ट्रिक स्कूटरों की अधिकतम गति 25 किमी/ घंटे से बढ़ाकर 40 किमी/ घंटे कर दी जाए। इससे शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों का उपयोग ज्यादा संभव होगा।