भारतीय यात्रियों द्वारा विदेश में ग्लोबल क्रेडिट कार्ड लेन-देन पर सरकार ने नियमों में सख्ती कर दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार, यात्रियों को निश्चित सीमा से ऊपर का कोई भी लेन-देन से पहले बैंक की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।
भारत सरकार ने कहा है कि ये नए नियम भारतीय यात्रियों द्वारा विदेश में हो रही धोखाधड़ी से निपटने के लिए लागू किए जा रहे हैं। 2022 में, आरबीआई को धोखाधड़ी से संबंधित एक लाख से अधिक शिकायतें मिली थी, जिनमे विदेशी यात्रियों को कुल 1000 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगी थी ।
तत्काल प्रभाव से लागु हुआ यह नियम:
पूर्व अनुमति के बिना लेनदेन की सीमा LRS (liberalized remittance scheme) के अंतर्गत $ 2.5 लाख प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष तय की गई है। जो यात्री इस सीमा से ऊपर का लेनदेन करना चाहते हैं, उन्हें अपने बैंक को आवेदन जमा करना होगा, जिसमें उनकी यात्रा के उद्देश्य और उन्हें खर्च करने वाले धन की जानकारी दी जानी होगी।
आरबीआई ने कहा है कि इस नए नियम की छह महीनों की अवधि के बाद समीक्षा की जाएगी। अगर नियम धोखाधड़ी को रोकने में प्रभावी साबित होते हैं, तो उन्हें स्थायी बनाया जा सकता है।
यहां कुछ सुझाव हैं जो यात्रियों को क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचाने में मदद करेंगे:
*केवल प्रतिष्ठित विक्रेताओं से अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें।
*फिशिंग घोटालों से जागरूक रहें। ये आपके बैंक से होने वाले एमेल या वेबसाइट होते हैं, लेकिन वे वास्तविक नहीं होते हैं।
*अपनी क्रेडिट कार्ड संख्या और पिन को सुरक्षित रखें। किसी के साथ उन्हें साझा न करें।
*अपने बैंक को तुरंत किसी भी धोखाधड़ी संबंधी लेनदेन की सूचना दीजिए। यदि आपके क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता है, तो इसे अपने बैंक को तुरंत रिपोर्ट करें। आपके बैंक आपको उपयुक्त दिशा-निर्देश देगा। धोखाधड़ी से बचने के लिए सावधान रहें और सुरक्षित रहें।